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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Sunday, September 25, 2016

देवताओं जैसे सुंदर वस्त्र पहने हैं, असुरों की माया के क्या कहने हैं-दीपकबापूवाणी (Devtaon Jaise Vastra pahane hain-DeepakBapuwani


महल में आकर आदमी फूल जाता, छोटे मकान का दर्द भूल जाता।
‘दीपकबापू’ न करें कभी शिकायत,  माया मद मे हर दिल झूल जाता।।
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अहंकारी को नम्रता क्या सिखायें, जड़ को कौनसा मार्ग दिखायें।
‘दीपकबापू’ स्वार्थ के कूंऐं में गिरे, नाम अपना परमार्थी लिखायें।।
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परायी पीड़ा के घाव सामने लाते, अपने ही दिल का दुुुुुुःख बताते।
‘दीपकबापू’ नहीं झांकते घर से बाहर, वाणी विलास में सुख जताते।।
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देवताओं जैसे सुंदर वस्त्र पहने हैं, असुरों की माया के क्या कहने हैं।
‘दीपकबापू’ किस किससे लड़ते रहें, मान लो भाग्य में दर्द भी सहने हैं।
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समझें नहीं इशारों में कही बात, अहंकार से करें स्वयं पर घात।
‘दीपकबापू’ नासमझों की यारी करते, चैन न पायें दिन हो या रात।।
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उनके लिये धूप में चले पर उन्होंने धन्यवाद नहीं दिया।
निहारतेे उनकी राह जिसका रुख उन्होंने फिर नहीं किया।।
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कितना अजीब है दिल कुछ सोचता जुबान कुछ और बोलती है।
कितने छिपायेगा कोई अपने राज आंखें भी नीयत खोलती हैं।
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चिंतायें बेचते महंगे दाम-हिन्दी कविता
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सोचते सभी
मगर कर नहीं पाते
भलाई का काम।

कहते सभी निंदा स्तुति
मगर कर नहीं पाते
बढ़ाई का काम।

कहे दीपकबापू चिंत्तन से
जी चुराते मिल जाते 
हर जगह लोग
चिंतायें बेचते महंगे दाम
करते लड़ाई का काम।
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Thursday, September 22, 2016

पाकिस्तान के साथ रणनीतिक संघर्ष लंबा समय चलेगा- हिन्दीसंपादकीय (India-Pakistan war will longtime-Hindi Editoirial)

पिछले दिनो हमने यह समाचार देखा था कि भारतीय सेना ने सीमा पार कर आतंकवादी मारे। अभी एक फेसबुक पर भी पढ़ा कि दो दिन में भारतीय सेना दो बार सीमा पारकर आतंकवादियों को मारकर चली आयी। यह एक नयी रणनीति लगती है। मारो और भाग लो। पाकिस्तानी सेना को यह लगता है कि भारतीय सेना सीमा पार कर जब आगे आयेगी तब सोचेंगे। अगर समाचारों पर भरोसा करें तो यह एक ऐसी रणनीति है जो पाकिस्तान को संकट में डाल सकती है। इस समय पाकिस्तान की सेना बलोचिस्तान और अफगान सीमा पर डटी है। अगर भारतीय सेना के इस अस्थायी प्रवास को रोकना है तो उसे आना होगा। वहां से सेना हटी नहीं कि पाकिस्तान में भारी अंदरूनी संकट शुरू हो जायेगा। पाकिस्तानी रेंजर हमारी बीएसएफ की तरह ही है जो आंतरिक सुरक्षा के लिये तैनात रहते हैं। फेसबुक पर ही एक समाचार पढ़ा कि राजस्थान की सीमा पर टैंक आदि रेल में चढ़ाकर भेजे जा रहे हैें। हैरानी इस बात यह है कि प्रकाशन माध्यमों में यह बातें आयी हैं जबकि टीवी चैनलों से यह समाचार नदारद है। संभव है कि दोनों तरफ की सरकारें अब किसी उत्तेजना से बचने के लिये ऐसे आक्रामक समाचारों से बच रही हों। इधर यह भी समाचार आया कि सीमा पर की जानकारी उच्च स्तर पर ली जा रही है।
इसके बावजूद बड़े युद्ध की संभावना अभी नहीं है। भारतीय सेना मारकाट कर लौट आयेगी तो वह बड़े हमले का विषय नहीं होगा। उल्टे पाकिस्तान अब यह शिकायत करता फिरेगा कि भारतीय सेना अब सीमा पार करने लगी है-भारत भी चीन की सकता है कि सीमांकन अभी नहीं हुआ है इसलिये भूल से सैनिक चले जाते हैं। समझौते में भारत शर्त भी रख सकता है कि भारतीय सेना पाक सीमा में घुसकर नहीं मारेगी अगर पाकिस्तान आतंकवाद बंद कर दे-पहले आतंकवाद रोकने के बदले देने को कुछ नहीं था पर अगर इस तरह भारतीय सेना करती रही तो कुछ तो देने के लिये मिल ही जायेगा। अभी इसी तरह हवाई वह मिसाइल हमले भी हो सकते हैं। पाकिस्तान फंस चुका हैं। अफगानिस्तान तथा ईरान उसके दुश्मन हो गये हैं। अमेरिका नाराज है। पाकिस्तान तो भारत का शिकार है और वही उसे करना होगा-पाकिस्तान के दुश्मन भी यही मान चुके हैं। मगर यह अभियान एक दो महीने नहीं बल्कि एक दो वर्ष तक चल सकता है। पाकिस्तान के परमाणु हमले तथा बड़े युद्ध की हानि से बचने के लिये एक कुशल रणनीति की आवश्यकता होती है जिसमें भारतीय रणनीतिकार पाकिस्तानियों से कहीं बेहतर साबित हुए हैं।
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Friday, September 9, 2016

कॉमेडी किंग का भ्रष्टाचार विरोधी प्रपंच-लघुव्यंग्य (Anit Corruption Case of Comedy King-ShortSatireArticle)


कामेडी किंग यह क्या भ्रष्टाचार पर कॉमेडी कर बैठे? अपने क्रिकेटर बॉस के कदमों का अनुसरण करने की जल्दी में भ्रष्टाचार का ऐसा प्रसंग उठा लिया जिसमें स्वयं पर ही छींटे गिर सकते हैं। प्रथम दृष्टया टीवी पर उनका मकान देखकर ही लगता है कि कहीं न कहीं आवासीय कॉलोनी में खुली जगह पर निर्माण करने की वह प्रवृत्ति दिखाई देती हे जो देश में आम है। देश में अधिकतर आवासीय योजनाओं में बाहर खुली जगह रखने का नियम होता है पर कहीं जानबूझकर उसे तोड़ते हैं तो कहीं ठेकेदार अपना हिसाब बढ़ाने के लिये उन्हें प्रेरित करते हैं। कॉमेडी किंग को यकीनन यह अंदाज नहीं रहा होगा कि उनके निर्माण में कहीं नियमों का विध्वंस भी शामिल हो सकता है। गरीबी से संघर्ष कर अमीर धरा पर कदम रखा है जहां नियमों पर चलना मूर्खता और तोड़ना समझदारी माना जाता है। पहले टीवी पर उनका यह बयान कि उनसे पैसे मांगे गये। फिर आया कि पैसे दिये फिर भी निर्माण तोड़ा गया। यह विरोधाभास भी उनके लिये समस्या खड़ी करेगा। सुबह हमें भी उनसे सहानुभूति पैदा हुई थी पर शाम होते होते समझ आ गया कि मामल इतना संगीन बनाना कॉमेडी किंग के लिये बड़ी चुनौती बनने वाला है। आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रचार में सजावट के लिये जाना है।
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दीपक भारतदीप

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