tag:blogger.com,1999:blog-3211385411126189652.post2403825872679763448..comments2023-10-01T15:26:11.401+05:30Comments on दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका: महानतम दिखाने के लिये-व्यंग्यदीपक भारतदीपhttp://www.blogger.com/profile/06331176241165302969noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3211385411126189652.post-31753109717380983082009-01-16T07:36:00.000+05:302009-01-16T07:36:00.000+05:30अपनी महानता का सार्टिफिकेट हमें विदेशियों से नही च...अपनी महानता का सार्टिफिकेट हमें विदेशियों से नही चाहिये। विदेशी प्रशंसा के पीछे भागने के कारण ही हमें इस प्रकार अपमानित होना पड़ता है। दरअसल कुछ लोग श्रेष्ठता की ऐसी ग्रंथि पाले बैठे हैं अगर कोई भारतीय उन्हें अपने से ज्यादा श्रेष्ठ लगता है तो उसे गिराने के प्रयास शुरु हो जाते हैं और इसमें व्यक्तियों से लेकर संस्थायें तक शामिल है।अक्षत विचारhttps://www.blogger.com/profile/16381420919782121467noreply@blogger.com