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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Wednesday, September 30, 2015

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई सदस्यता होने तक चीन नेपाल में षड्यंत्र रचेगा(China made in nepa consyprasy against Bharat)


                                   नेपाल में नये संविधान को लागू करने में संभवतः भारत को उत्तेजित करने की इच्छा ही दिखाई देती है। अभी हाल ही में नेपाल में भूकंप आने पर भारत ने सहायता दी थी उस समय भी वहां भारत विरोधी नाकभौं सिकोड़ रहे थे।  अब जब नेपाल के नये संविधान लागू होने से कुछ लोग इसलिये नहीं प्रसन्न है कि इससे उनका कोई भला होने वाला है वरन् वह इस बात ज्यादा उत्तेजित हैं कि इससे भारत नाराज है।  एक बात समझ ले कि अभी तक भारत का समर्थन हिन्दू धर्म के कारण ही था। भारतीय जनमानस अब नाराज है और उलटपंथियों के लिय यह सुखदायक खबर है। यह उलटपंथी लोग हमेशा ही समाज को अस्थिर कर आनंद उठाते हैं।  सोवियत संघ और चीन उलटपंथी विचाराधारायें छोड़ चुके हैं पर वह विश्व के अन्य देशों में अपने भक्तों का संरक्षण भी करते हैं ताकि समय पड़ने पर वहां की सरकारों का अस्थिर किया जा सके।  जहां सरकारें प्रबंध कौशल नहीं दिखा पातीं वहां इन उलटपंथियों की पौबारह हो जाती है। यही अब नेपाल में हो रहा है। यह उलटपंथी नेपाल समाज को जलाकर जब अपने हाथ तापेंगे तब उन्हें रेाकना कठिन होगा।  अब तो नेपाल का धर्मनिरपेक्ष स्वामी ही उद्धार कर सकता है-हालांकि उलटपंथी उसके अस्तित्व से ही इंकार करते हैं।
                                   कुछ नेपालियों को अगर यह लगता है कि मधेशियों का समर्थन कर वह कश्मीर में प्रथकतावाद कर बदला चुकायेंगे तो यह भी कर लें।  भारत चीन से नहीं डरा तो नेपाल से क्या डरेगा जो धर्म से पीछा छुड़ा रहा है।  एक बात नेपालियों को बता दें कि वामपंथी देश भस्मासुर हैं जिनसे दोस्ती करते हैं उसे ही भस्म करते हैं।  वह चाहें तो पाकिस्तान से हाथ मिला लें।  अभी तक नेपाल और उसकी संस्कृति इसलिये बची है क्योंकि नीचे भारतीय हिन्दू उसे उन संकटों से बचाते रहे जिसकी कल्पना वह नहीं कर सकते।  पहले हम सोचते थे कि वाकई भारत के रणनीतिकार अपने देश के बड़े होने के अहंकार होने के कारण नेपाल को दबाते होंगे पर अब लग रहा है कि चीन की आड़ में नेपाल ही भारत को धमकाता था।  नेपाल ने भारत के चैनलों पर प्रतिबंध लगाया है जबकि वह उसके रुदन की चर्चा भी नहीं कर रहे। हमारी सलाह है कि भारत नेपाल को काली सूची में डालें। नेपाल की वर्तमान सरकार अहसानफरामोश है। भारत को संयुक्त राष्ट्र में स्थाई सदस्यता रोकने के षडयंत्र में वह शामिल है। भारत के मोदीजी  जब अमेरिका में थे तब नेपाल में उनके पुतले जलना उन्हें निजी रूप से बदनाम करने की साजिश है। भारत यूएन में स्थाई सदस्यता के जितना प्रयास करेगा नेपाल और पाकिस्तान के साथ मिलकर चीन षडयंत्र रचेगा।  हमारा अनुमान है कि यूएन में स्थाई सदस्यता मिलने से पहले नेपाल के षडयंत्र का भी भारत सामना करेगा।
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लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poem-Deepak Raj Kukreja ""Bharatdeep""
Gwalior, madhyapradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर
poet, Editor and writer-Deepak  'Bharatdeep',Gwalior
http://deepkraj.blogspot.com
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