सच्चाई यह है कि
संख्या बल से
युद्ध नहीं जीते
जाते।
पराक्रमियों का
संरक्षण
समाज अगर न पा
सके
शांति से दिन
नहीं बीते जाते।
कहें दीपक बापू
बुद्धि के वीरों पर
दो गुणा दो
बराबर चार का सिद्धांत
असर नहीं करता
एक और ग्यारह की
योजना से
करते किला फतह,
भीड़ बढ़ाकर नहीं
चाहते कलह,
अपनी सोच से
बढ़ते आगे
बांटते हैं वह
सभी को प्रसन्नता
स्वयं भी सुख
पीते जाते।
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लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poem-Deepak Raj Kukreja ""Bharatdeep""
Gwalior, madhyapradesh
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poem-Deepak Raj Kukreja ""Bharatdeep""
Gwalior, madhyapradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर
poet, Editor and writer-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://deepkraj.blogspot.com
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