समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Monday, May 11, 2009

नौकरानी बनाओ या रानी-हास्य व्यंग्य कविता (nakurani aur rani-hasya vyangya kavita)

फिल्म का नाम था
‘नौकरानी ने बनी रानी’
जोरदार थी कहानी।
निर्देशक ने अभिनेत्री से कहा
‘आधी फिल्म में मेकअप बिना
आपको काम करना होगा
फटी हुई साड़ियों को ओढ़ना होगा
फिल्म जोरदार हिट होगी
अभिनय जगत में आपकी ख्याति का
नहीं होगा कोई सानी।’
अभिनेत्री ने कहा-‘
नये नये निर्देशक हो
इसलिये नहीं मुझे जानते हो
बिना मेकअप के चाहे कोई भी पात्र हो
उसका अभिनय नहीं करूंगी
सारी दुनियां में मुझे सुंदरी कहा जाता है
मेकअप के बिना तो मैं
अपना चेहरा आईने में खुद ही नहीं देखती
बिना मेकअप के तो कई बार
मैंने अपनी सूरत भी नहीं पहचानी।
अपने शयनकक्ष से ही बाहर
मैं मेकअप लगाकर आती हूं
अपनी मां को शक्ल ऐसे ही दिखाती हूं
ढेर सारे मेरे चाहने वाले
जब मेरी असल शक्ल देख लेंगे
तो आत्महत्या कर लेंगे
पड़ौस के लड़के जो
पल्के बिछाये मुझे देखते हैं
वह भी मूंह फेर लेंगे
जहां तक साड़ियों की बात है
तो आजकल काम वाली बाईयां भी
बन ठन कर घूमती हैं
ढेर सारी फिल्में ऐसी बनी हैं
जिनमें वह नई साड़ी में अपने
सजेधजे बच्चों को चूमती हैं
इसलिये अगर फिल्म में
मुझसे अभिनय कराना हो तो
महंगी साड़ियां ही मंगवाना
मेकअप का सामान हर हालत में जुटाना
चाहे बनाओ नौकरानी या रानी।’

..............................
दीपक भारतदीप की शब्दयोग पत्रिका पर लिख गया यह पाठ मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसके कहीं अन्य प्रकाश की अनुमति नहीं है।
कवि एंव संपादक-दीपक भारतदीप
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.अनंत शब्दयोग
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
4.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान पत्रिका
लेखक संपादक-दीपक भारतदीप

No comments:

यह रचनाएँ जरूर पढ़ें

Related Posts with Thumbnails

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

यह रचनाएँ जरूर पढ़ें

Related Posts with Thumbnails

विशिष्ट पत्रिकाएँ