अंतर कितना रह गया है
बस छह इंच के कपड़े का।
क्यों इतना रोज छोड़ मचता है
खत्म कर दो हर कायदा
कोई पहने या न पहने
लगा दो एक नारा चैराहे पर
अपनी इज्जत की रक्षा खुद करें
दूसरे में तब देखें
पहले अपनी आंखों में शर्म भरें
नहीं मिलेगा कोई पहरेदार
आपनी आबरू के लिये बनो खुद्दार
और भी जमाने में मुसीबतें हैं
नहीं करेगा कोई कायदा हिफाजत
हल खुद ही करो पहनावे के लफड़ा।
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निर्देशक ने अपनी फिल्म के
कपड़ा निर्देशक से
चर्चा करते हुए कहा
‘भई, यह कम बजट की फिल्म है
इसलिये अधिक पैसे की उम्मीद नहीं करना।
इसमें केवल नायक के कपड़े ही
अधिक बनाने होंगे
नायिका तो पूरी फिल्म में छह इंच के ही
वस्त्र धारण करेगी
कभी कभी एक फुट का भी वेश धरेगी
इसलिये अपने अनुबंध में
कपड़ों की राशि कम से कम भरना।
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कवि लेखक एंव संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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