समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Thursday, April 24, 2008

ज्ञान का व्यापार कर ले-हास्य कविता



पिता ने कहा अपने पुत्र से
‘बेटा नहीं लग रहा मन तेरा
स्कूल की पढ़ाई में तो
तो कहीं कोई गुरू ढूंढ ले
और जीवन का ज्ञान प्राप्त कर
अपना जीवन सफल कर ले’

पुत्र ने खुश होकर कहा
‘जी पिताजी आपने मेरे मन की बात कही
आज ही कोई गुरू ढूंढता हूं और
जो जीवन का ज्ञान देकर
मेरा जीवन सफल कर दे
चलूंगा उसी मार्ग पर
जहां मेरा मन सत्य के दर्शन कर ले’

सुनकर पिता को आया गुस्सा
और बोले
‘जब भी बात करना
उल्टी करना
मैं तुझे ज्ञान प्राप्त कर
उस मार्ग पर चलने के लिये नहीं कह रहा
मेरा मतलब तो यह है कि
तू भी ‘ज्ञान का व्यापार’ कर ले
अज्ञानियों के झुंड में उसे बेचकर
किसी तरह अपना घर भर ले’
....................................................
ज्ञान का व्यापार भी
अब बहुत फलफूल रहा है
जो बेचता है वह माया के झूले में झूल रहा है
कहने वाले भी कहें छोड़ दो
सुनने वाले भी दोहरायें कि
माया है महाठगिनी
नहीं है किसी की भगिनी
पकड़े हैं अपने हाथ में सभी अज्ञान
पर हर कोई ज्ञानी होने के अहंकार में फूल रहा है
....................................................

1 comment:

Manas Path said...

ज्ञान का व्यापार भी
अब बहुत फलफूल रहा है
जो बेचता है वह माया के झूले में झूल रहा है

यह रचनाएँ जरूर पढ़ें

Related Posts with Thumbnails

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

यह रचनाएँ जरूर पढ़ें

Related Posts with Thumbnails

विशिष्ट पत्रिकाएँ