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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Sunday, December 30, 2007

बाजार के बजते ढोल

कहते हैं कि तौल-मोल के बोल
पर जमाने को लग गई है
ऐसी नजर कि
अब बिना भाव-ताव किये कोई
नहीं रहा अपनी जुबान से बोल
जहाँ तक कान जाते हैं
सुनाई देते हैं
बाजार के बजते हैं ढोल
कोई कहता यह खरीदो
कोई कहता यह पुराना बेच दो
सौदे किये जाते हुए और बेचने वाले मचाते शोर
ताकि खुल न जाये पोल
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अपने मन में है बस व्यापार
बाहर ढूंढते हैं प्यार
मन में ख्वाहिश
सोने, चांदी और धन
के हों भण्डार
पर दूसरा करे प्यार
मन की भाषा में हैं लाखों शब्द
पर बोलते हुए जुबान कांपती है
कोई सुनकर खुश हो जाये
अपनी नीयत पहले यह भांपती है
हम पर हो न्यौछावर
पर खुद किसी को न दें सहारा
बस यही होता है विचार
इसलिए वक्त ठहरा लगता है
छोटी मुसीबत बहुत बड़ा कहर लगता है
पहल करना सीख लें
प्यार का पहला शब्द
पहले कहना सीख लें
तो जिन्दगी में आ जाये बहार
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Friday, December 28, 2007

सिक्स सिक्सर जैसा आईडियल

लड़के ने दिया लडकी को
'आई लव यू' का प्रपोजल
लडकी ने 'सोचूँगी पर मेरी पसंद है
कि इंडियन आइडियल जैसा कोई'
कहकर लगा दिया डिस्पोजल
वह खुश हो गया
और हर रोज उसकी राह में खडा होकर
नित नए रचता स्वांग
जब वह निकलती वहाँ से
फिल्मी गाने ऐसे गाता
जैसे पी रखी हो भांग
वह उसे मुस्कराकर देखती और निकल जाती
वह खुश होता हर पल
कई दिन तक चला यह नाटक
पर अभी तक मंजूर
नहीं हुआ था उसका प्रपोजल

उस दिन लडकी उसके पास से गुजरी
और जोर से बोली
'बंद करो यह फिल्मी गाने
अब नहीं रह गए मेरे लिए इसके मायने
अब मेरी पसंद है
ट्वंटी ओवर में सिक्स सिक्सर
लगाने वाले जैसा आइडियल'
लड़का हक्का बक्का खडा रहा
ओपनिंग होने से पहले ही
उसके प्यार का डिस्पोजल
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Thursday, December 27, 2007

हिट ब्लोगर ने प्रेम में नो कमेन्ट पाया

कमेन्ट पाने का उसने कीर्तिमान बनाया
जोश में आकर उसने लिखा
अपनी प्रेयसी को प्रेम पत्र
इकतरफा प्रेम ने उसे बनाया शायर
बहुत दिन तक सड़क किनारे खडे होकर
वह अपनी प्रियतमा को देखता
उसका दिल फिर भी नहीं आया
शायर बन गया ब्लोगर
उसकी कविताओं ने जमकर हिट पाया
'प्रियतमा तुम मेरा ब्लोग पढ़ लो
देखो तुम पर कवितायेँ लिखते
कितना हिट हो गया हूँ
कमेन्ट में मैंने कीर्तिमान बनाया
तुम अब पसीज जाओ
मेरे इस प्रेम पत्र पर
प्रेम भरी कमेन्ट लगाओ
बस यही कमी रह गई है
वैसे मैंने खूब नाम कमाया'

लौटती डाक से जवाब आया
उसने लिफाफा खोला
और अपने ही पत्र के नीचे
'नो कमेंट' लिखा पाया
हतप्रभ ब्लोगर चिल्लाने लगा
"कैसा है यह ऊपर वाले का खेल
जिसके लिए इम्तहान देकर पास किया
वही कर गई फेल
उसके प्रेम में कितनी कवितायेँ लिखीं
कमेन्ट का अंबार लगाया
उसी ने 'नो कमेन्ट' का बोर्ड दिखाया"

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