बालपन की कच्ची माटी में
खिला था गुलशन
उम्र के दौर के साथ मुरझा गया
ख्वाहिशों ने बढ़ाये कदम दिल में
पत्थरों के शहर में सपना सजा नया,
कहें दीपक बापु
उस्ताद के ओहदे पर बैठे लोगों ने
सिखाई केवल मतलबपरस्ती,
दिखाई दौलत के दरिया में मस्ती,
अपनी उम्र से अब वह टूटेबालपन की कच्ची माटी में
खिला था गुलशन
उम्र के दौर के साथ मुरझा गया
ख्वाहिशों ने बढ़ाये कदम दिल में
पत्थरों के शहर में सपना सजा नया,
कहें दीपक बापु
उस्ताद के ओहदे पर बैठे लोगों ने
सिखाई केवल मतलबपरस्ती,
दिखाई दौलत के दरिया में मस्ती,
अपनी उम्र से अब वह टूटे बालपन की कच्ची माटी में
खिला था गुलशन
उम्र के दौर के साथ मुरझा गया
ख्वाहिशों ने बढ़ाये कदम दिल में
पत्थरों के शहर में सपना सजा नया,
कहें दीपक बापु
उस्ताद के ओहदे पर बैठे लोगों ने
सिखाई केवल मतलबपरस्ती,
दिखाई दौलत के दरिया में मस्ती,
अपनी उम्र से अब वह टूटे हैं उनके ख्वाब आंखों से रूठे हैं,
अब ताक रहे हैं
जवां शार्गिदों के माटी से बने पत्थर दिल में
कब बहेगी नदी बनकर दया।
खिला था गुलशन
उम्र के दौर के साथ मुरझा गया
ख्वाहिशों ने बढ़ाये कदम दिल में
पत्थरों के शहर में सपना सजा नया,
कहें दीपक बापु
उस्ताद के ओहदे पर बैठे लोगों ने
सिखाई केवल मतलबपरस्ती,
दिखाई दौलत के दरिया में मस्ती,
अपनी उम्र से अब वह टूटेबालपन की कच्ची माटी में
खिला था गुलशन
उम्र के दौर के साथ मुरझा गया
ख्वाहिशों ने बढ़ाये कदम दिल में
पत्थरों के शहर में सपना सजा नया,
कहें दीपक बापु
उस्ताद के ओहदे पर बैठे लोगों ने
सिखाई केवल मतलबपरस्ती,
दिखाई दौलत के दरिया में मस्ती,
अपनी उम्र से अब वह टूटे बालपन की कच्ची माटी में
खिला था गुलशन
उम्र के दौर के साथ मुरझा गया
ख्वाहिशों ने बढ़ाये कदम दिल में
पत्थरों के शहर में सपना सजा नया,
कहें दीपक बापु
उस्ताद के ओहदे पर बैठे लोगों ने
सिखाई केवल मतलबपरस्ती,
दिखाई दौलत के दरिया में मस्ती,
अपनी उम्र से अब वह टूटे हैं उनके ख्वाब आंखों से रूठे हैं,
अब ताक रहे हैं
जवां शार्गिदों के माटी से बने पत्थर दिल में
कब बहेगी नदी बनकर दया।
लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poem-Deepak Raj Kukreja ""Bharatdeep""
Gwalior, madhyapradesh
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poem-Deepak Raj Kukreja ""Bharatdeep""
Gwalior, madhyapradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर
poet, Editor and writer-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://deepkraj.blogspot.com
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