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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Sunday, August 23, 2015

आज शांतिवार है-हिन्दी व्यंग्य चिंत्तन लेख (today is peace day-hindi satire thought article,aaj shantiwar hai-hindi vyangya lekh)

                     
                                   उधर उत्तर और दक्षिण कोरिया इधर भारत और पाक के बीच तीन दिन तक प्रचार युद्ध हुआ। शनिवार तक चले इस युद्ध में दोनों ही स्थानों पर आज का रविवार एक तरह से शांतिवार लग रहा है। उधर उत्तर कोरिया सीमा पर दक्षिण कोरिया के लाउडस्पीकरों से हो रहे प्रचार पर इतना उत्तेजित था कि लगा रहा था कि अब युद्ध छिड़ने वाला ही है। अंतर्जाल पर भाई लोग इस इंतजार में लगे थे कि वह इस युद्ध के प्रारंभ होने की प्रथम सूचनावाहक बने। ऐसा हुआ नहीं। अचानक दोनों देशों के बीच शांतिवार्ता प्रारंभ हो गयी।  इधर भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिवार्ता प्रारंभ करने का शोर इतना था कि नहीं हुआ तो एकदम युद्ध प्रारंभ हो जायेगा। शांतिवार्ता नहीं हुई पर युद्ध होने जैसी कोई संभावना भी नहीं दिख रही।
                                   उधर का तो पता नहीं कि वहां प्रचार माध्यमों ने विज्ञापन से कमाई की या नहीं पर यहां जमकर विज्ञापन प्रसारित हुए। वैसे हमारा अनुमान है कि वहां भी इसी तरह के व्यवसायिक प्रचार माध्यम हैं और उन्होंने इतना ही शोर मचाया होगा।  इधर का पता है। यहां भारत और पाकिस्तान के प्रचार माध्यम विज्ञापन के मैदान में युद्धरत लग रहे थे।  पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज की भारत के अपने समकक्ष अनिल डोभाल से भेंट होनी थी। जहां तक हमारी जानकारी है दोनों सभ्रांत वर्ग के हैं और मुलाकात में एक दूसरे से शब्दों का आदान प्रदान करने वाले थे। प्रचार माध्यमों की तरफ देखें तो ऐसा लग रहा था कि दोनों कोई युद्ध करने वाले हैं।  पाकिस्तान के प्रचार माध्यम जहां अपने सुरक्षा सलाहकार को कमजोर बताकर अपने देश के लोगों से निराशा की सामग्री परोस रहे थे तो इधर भारत के प्रचार माध्यम अपने सुरक्षासलाहकार की शक्ति बखान करने में लगे थे।  हमारे समझ में यह नहीं आया कि चल क्या रहा है।  ऐसा लग रहा था कि क्रिकेट मैच चल रहा है जिसमेें कभी ओवर के बीच में विज्ञापन आ रहे हों। कहीं गेंद बदली जा रही है तो विज्ञापन आ रहा है।
                                   ऐसा लगता है कि प्रचार माध्यमों ने अपनी कमाई का कोटा पूरा कर लिया है इसलिये आज वैसी आक्रामकता नहीं दिख रही।  आमतौर से सुपर संडे या चमत्कृत रविवार इतना ठंडा नहीं रहता। आमतौर से शनिवार को ही सुपर संडे या चमत्कृत रविवार की सामग्री प्रचार प्रबंधक तैयार करते हैं पर आज शनिवार के बाद रविवार कम शांतिवार ज्यादा लग रहा है।
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लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poem-Deepak Raj Kukreja ""Bharatdeep""
Gwalior, madhyapradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,ग्वालियर
poet, Editor and writer-Deepak  'Bharatdeep',Gwalior
http://deepkraj.blogspot.com
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