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Thursday, September 11, 2008

टूट गये कामयाब होने के सपने-हास्य कविता

फंदेबाज ने रखा कंधे पर हाथ
और बोला
‘क्या बात है दीपक बापू
अपनी घर से दूर इस
घर में तांकझांक किये जा रहे हो
कभी सिर आगे कर
अंदर देखते हो
कभी पीछे कर लेते हो
यह क्या राज है
कहीं किसी को लाईन तो नहीं मार रहे
कुछ माल पार करने के लिये तो नहीं ताड़ रहे
चक्कर में मत पड़ो अपने हिट के
चलो अब तुम घर अपने


अपनी टोपी को संभालते हुए
कुछ नाराज होकर बोले महाकवि दीपक बापू
‘कमबख्त! जब भी हम कुछ खास कर रहे होते
कहीं हास्य कविता तलाशने के लिये
विषय की आस कर रहे होते
तुम चले आते हो
पानी फेर जाते हो
यहां हम देखने आये थे काका और काकी की जंग
शायद जम जाये किसी हिट कविता का रंग
दोनों लड़ते हैं
काका देते काकी को ताना
काकी भी गाती है धमकी का गाना
इस जंग में मिल सकता है
कोई बात लिखने लायक
खड़े थे इसी इंतजार में
शायद कुछ जोरदार विषय मिल जाये
लिखकर हम भी हो जायें हास्य नायक
आजकल लोगों को
भला गंभीर कवितायें कहां भातीं हैं
बेतुकी हों भले ही
हास्य कवितायें भी सभी के दिल में छातीं हैं
या तो लिखो प्यार पर
जिसमेेंं जिस्म के अंग फड़फड़ायें
या दर्द उबारो इंसानों का सरे राह
ताकि बदनामी के डर से
उनके पांव अधिक लड़खड़ायें
दोनों काम हम नहीं कर पाते
लिखते कोई गंभीर आलेख
तो पड़ने वाले ही मजाक उड़ाते
दो लोगों की जंग को देखना
और पढ़ना सभी को अच्छा लगता है
चुपचाप दर्द बांटे उसकी चर्चा
किसी को नहीं सुहाती
करे खुलेआम कत्ल उसकी ख्याति
अखबारों में सुर्खियां पाती
ऐसे में देख रहे थे इस घर में
शायद क्लेश हो जाये
हमारे लिये कोई जोरदार दृश्य
सामने आकर पेश हो जाये
पर तुमने किया आकर खाना खराब
अब तो फ्लाप से हिट होना है बस ख्वाब
चलो हम भी अब चलते हैं घर
टूट गये कामयाब होने के सपने

.....................................

दीपक भारतदीप की शब्दयोग पत्रिका पर लिख गया यह पाठ मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसके कहीं अन्य प्रकाश की अनुमति नहीं है।
कवि एंव संपादक-दीपक भारतदीप

2 comments:

संगीता पुरी said...

कुछ नाराज होकर बोले महाकवि दीपक बापू
‘कमबख्त! जब भी हम कुछ खास कर रहे होते
कहीं हास्य कविता तलाशने के लिये
विषय की आस कर रहे होते
तुम चले आते हो
पानी फेर जाते हो
कामयाब होने के सपने के टूटने पर की गयी नाराजगी स्वाभाविक है।
बहुत अच्छा।

वीनस केसरी said...

अपनी टोपी को संभालते हुए
कुछ नाराज होकर बोले महाकवि दीपक बापू
‘कमबख्त! जब भी हम कुछ खास कर रहे होते
कहीं हास्य कविता तलाशने के लिये
विषय की आस कर रहे होते

यहाँ तो लोग अपनी ही बड़ाई पेले जाते है
महाकवि दीपक बापू की जय हो

ही ही ही :)

अभी कल बिग बॉस वाला राहुल महाजन कह रहा था की अगर मै इतना ही बड़ा ऐक्टर हूँ तो मुझे ऑस्कर मिलना चाहिए

अब संभालो कोई .....................:) :)

अच्छी हास्य व्यंग कविता
वीनस केसरी

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