ओसामा बिन लादेन अब इस धरती पर नहीं है यह बात तय है। विवाद इस बात पर है कि वह कब और कहां मरा? अमेरिकी स्वयं ही मामले को संदेहास्पद बना रहे हैं। उनकी कुछ बातें दिलचस्प है।
यहां यह बात याद रखने लायक है कि मरने वाला लादेन ही था इसकी पुष्टि उसके परिवार के वही सदस्य ही कर सकते हैं जो इस हमले में समय उसके पास थे। अब सवाल यह है कि उनमें से कोई क्या कभी प्रचार माध्यमों के पास आकर बतायेगा कि वह लादेन ही था?
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पाकिस्तान को कार्यवाही का नहीं पता
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अमेरिकन रणनीतिकारों का सबसे बड़ा झूठ यह कि पाकिस्तान को अमेरिकी सैन्य कार्यवाही का पता नहीं था। एक सैनिक की मौत पर ही डरने वाला अमेरिका इतना बड़ा जोखिम नहीं ले सकता था। उसकी सेना अपने हेलीकॉप्टर उस पाकिस्तान में उतारने वाली थी जहां आतंकवादियों के पास भी विमान गिराने वाली मिसाइलें रहती हैं। यह संभव नहीं है कि इतने सारे हेलीकॉप्टर बाहर से उड़ कर आये और पाकिस्तानी सेना में किसी के पास जानकारी न हो। सभी अधिकारियों को नहीं तो अमेरिका के खास अधिकारियो को इसकी जानकारी होगी। दरअसल अमेरिका पाकिस्तान को बचा रहा है ताकि वह अपने ही धर्मबंधु देशों की नाराजगी का शिकार न हो। दूसरी बात यह कि वह ओसामा बिन लादेन को शरण देने के आरोपों से भी पाक रणनीतिकारों का बचा रहा है।
केवल बच्चा गवाह बन रहा है
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पाकिस्तान के एक बच्चे के अलावा कोई दूसरा गवाह नहीं है यह बताने वाला कि मरने वाला ओसामा बिन लादेन ही था। लादेन की लाश किसी ने नहीं देखी। कोई मरा वह कोई भी हो सकता था। बच्चा सारी बात बता रहा है पर वह यह दावा नहीं कर सकता कि उसे उपहार में दो खरगोश देन वाला बिन लादेन ही था। कोई बड़ा गवाह न मिलना इस बात का प्रमाण है कि कहीं न कहीं दाल में काला है।परिवार को लेकर विरोधी बयान
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एक तरफ अमेरिका दावा कर रहा है कि इस हमले में बिन लादेन की एक पत्नी मारी गयी तो दो पकड़ी गयीं। इधर पाकिस्तान कह रहा है कि लादेन का परिवार उसके पास सुरक्षित है। सवाल यह है कि उसकी पत्नियों को प्रचारक लोग सामने क्यों नहीं ला रहे। पाकिस्तान कह रहा है कि लादेन के परिवार को उसके देश भेज दिया जायेगा। अगर लादेन को समुद्र में दफनाया गया तो उसके परिवार के लोगों को क्या वहां ले जाया गया? अगर नहीं तो क्यों?यहां यह बात याद रखने लायक है कि मरने वाला लादेन ही था इसकी पुष्टि उसके परिवार के वही सदस्य ही कर सकते हैं जो इस हमले में समय उसके पास थे। अब सवाल यह है कि उनमें से कोई क्या कभी प्रचार माध्यमों के पास आकर बतायेगा कि वह लादेन ही था?
फिक्सिंग के लिये बदनाम है पाकिस्तान
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लादेन को गोली या बम से ही मरना था। जिस मार्ग पर वह चला वही सामने से आती गोली या ऊपर से गिरने वाले बम के साथ ही बंद हो जाता है। यह सच है। अमेरिका लादेन को मारने के इतने प्रयास कर चुका है कि उसके सेना की गज़ब की क्षमता और अचूक निशाने देखकर लगता है कि वह कई बार मरा होगा। एबटाबाद में उसका मरना कोई बड़ी बात नहीं है। पाकिस्तान हमेशा ही उसका खैरख्वाह रहा है। मगर जिस तरह अमेरिका और पाकिस्तानी रणनीतिकार ओसामा बिन लादेन की औपचारिक मौत के बाद जिस तरह नाटकबाजी कर रहे हैं उससे फिक्सिंग का शक होता है। वैसे भी पाकिस्तान की क्रिकेट टीम फिक्ंिसग के लिये बदनाम हैं। पाकिस्तान की टीम के बारे में कहा जाता है कि वह हमेशा ही हारना फिक्स करती है उसी तरह पाकिस्तान के रणनीतिकार भी अमेरिका से अपना पिटना फिक्स करते हैं। यह अलग बात है कि बाद में अमेरिका उनके घावों पर मरहम लगाता है। फिर पैसे की भी मदद करता है। ऐसे में यह संभव नहीं है कि पाकिस्तानी रणनीतिकार अपने आका की बात का किसी तरह प्रतिवाद करें।----------------------
कवि लेखक एंव संपादक-दीपक भारतदीप,ग्वालियर
poet writer and editor-Deepak Bharatdeep, Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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