जितना चाहोगे
उतना असहज हो जाओगे
दौड़ते हुए बहुत कुछ जुटा लोगे
अपने जीने का सामान
पर फिर उसका बोझ नहीं
उठा पाओगे
जिंदगी की गति चलती है
अपनी गति से
उसे ज्यादा तेज दौड़ने की कोशिश न करो
असहजता में जो पाया है
उसको भी नहीं भोग पाओगे
........................
दीपक भारतदीप
1 comment:
जिंदगी की गति चलती है
अपनी गति से
उसे ज्यादा तेज दौड़ने की कोशिश न करो
असहजता में जो पाया है
उसको भी नहीं भोग पाओगे
बहुत बढिया।
Post a Comment