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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Sunday, July 6, 2008

यूं तो जमाना दोस्त बन जाता है-हिन्दी शायरी

दूर भी हों पर उनके होने के
अहसास जब पास ही होते
वही दोस्त कहलाते हैं
यूं तो पास रहते हैं बहुत लोग
बहुत सारी बातें बतियाते
पर सभी दोस्त नहीं हो जाते हैं
जिनकी आवाज न पहुंचती हो
पर शब्द कागज की नाव पर
चलकर पास आते हैं
और दिल को छू जाते हैं
ऐसे दोस्त दिल में ही जगह पाते हैं

यूं तो जमाना दोस्त बन जाता है
पर परेशान हाल में छोड़ जाता है
जिनके दो शब्द भी देते हों
इस जिंदगी की जंग में लड़ने का हौंसला
वही दोस्त दूर होते भी
पास हो जाते हैं

1 comment:

Anonymous said...

bilkul sahi baat ko sundar rachana me likhane ke liye aabhar.

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