समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

Thursday, July 24, 2008

जैसे भेड़ों का झुंड जा रहा हो-व्यंग्य कविता

रास्ते के किनारे खड़ा वह
लोगों की भीड़ को भागते देख रहा है
पूछता है एक एक से उसकी मंजिल का पता
हर मुख से अलग अलग जवाब आ रहा है

कोई इंजीनियर बनने जा रहा है
कोई डाक्टर बनने जा रहा है
कोई एक्टर बनने जा रहा है
जो खुद नहीं बन सका वह आदमी
अपने बच्चों का हाथ पकड़े उसे
खींचता ले जा रहा है

ढूंढता है वह जो इंसानों की तरह
जीने की कोशिश करना सीख रहा हो
कोई जो दूसरों का हमदर्द
बनना सीख रहा हो
वह जो किसी के पीछे न भागना
सीख रहा हो
वह निराश हो जाता है यह देखकर
क्योंकि इंसानों की भीड़ नहीं
जैसे भेड़ों का झुंड जा रहा हो
.........................
यह कविता मूल रूप से इस ब्लाग दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका पर ही प्रकाशित है। इसकी अन्य कहीं प्रकाशन के लिये अनुमति नहीं है।
कवि एवं संपादक-दीपक भारतदीप

1 comment:

अबरार अहमद said...

क्योंकि इंसानों की भीड़ नहीं
जैसे भेड़ों का झुंड जा रहा हो


बहुत बढिया। बधाई।

यह रचनाएँ जरूर पढ़ें

Related Posts with Thumbnails

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

यह रचनाएँ जरूर पढ़ें

Related Posts with Thumbnails

विशिष्ट पत्रिकाएँ