"अपने जीवन का बीमा कराईये
और अपने मरने की बाद की चिंताओं से
हमेशा मुक्ति पाईये"
आदमी ने खुश होकर कहा
"बाकी चिंताओं से मुक्त हो गया हूँ
अपने सारे बोझ ढो गया हूँ
बस फिक्र मरने के बाद की है
देख रहा हूँ कई बच्चे
अच्छी तरह अपने बाप का
अन्तिम संस्कार नहीं करते
श्राद्ध करने के मामले पर आपस में लड़ते
बाप को स्वर्ग में जगह दिलाने के लिए
कुछ नहीं करते
आपकी इस बारे में क्या योजना है
पहले विस्तार से बताईये"
--------------------------
दीपक भारतदीप की शब्दयोग पत्रिका पर लिख गया यह पाठ मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसके कहीं अन्य प्रकाश की अनुमति नहीं है।
कवि एंव संपादक-दीपक भारतदीप
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.अनंत शब्दयोग
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
4.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान पत्रिका
लेखक संपादक-दीपक भारतदीप
No comments:
Post a Comment